Chandigarh will remain a union territory
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चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश ही रहेगा, नगर निगम सदन की विशेष बैठक में प्रस्ताव पारित

MC-7-April

Chandigarh will remain a union territory

अर्थ प्रकाश/वीरेंद्र सिंह

चंडीगढ़। चंडीगढ़ के स्वरूप यानि एग्जिस्टेंश को लेकर वीरवार, 7 अपै्रल को नगर निगम सदन की विशेष बैठक आयोजित की गई। मुद्दा था कि चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश बना रहे या पंजाब अथवा हरियाणा को सौंप दिया जाए। 

काफी लंबी बहस के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों ने  सदन से वाकआउट कर दिया। फिर शेष बचे भाजपा के पार्षदों ने चंडीगढ़ को यूटी रहने देने के पक्ष में बहुमत से प्रस्ताव पारित कर दिया। प्रस्ताव की मूल भाषा इस प्रकार थी। 
 

निगम सदन ने सर्वसम्मति/बहुमत से पारित किया कि चंडीगढ़ के लोगों की जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस शहर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा बरकारा रखा जाए और इससे आगे बढ़ते हुए शहर में विधानसभा गठित की जाए, ताकि शहरवासी अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से शहर की नीतियों एवं भविष्य के निर्णय में सहभागी हो सकें। इसके अतिरिक्त केंद्र के हस्तक्षेप से हरियाणा एवं पंजाब को अपने-अपने राज्य की स्वतंत्र राजधानी विकसित करने के निर्देश दिये जाएं। 
 

सदन ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह के कुशल नेतृत्व में चंडीगढ़ के कर्मचारियों को केंद्रीय सेवा नियमों के अधीन लाने के दूरदर्शी निर्णय लेने हेतु आभार व्यक्त किया। यह चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों की वर्षों से लंबित पड़ी मांग थी, जिसके पूरे होने से शहर के 23 हजार परिवार लाभान्वित हुए हैं।